रूह- ए- ज़िंदगी

ज़िंदगी में ख़्वाब को होना बहुत अहम होता है,

जिस दिन आपके ख़्वाब मर गए न,

यूँ समझ लो, आपका वजूद ऐसा है जैसे,

जैसे पलाश का फूल, जिसमें खूबसूरती तो होती है,

पर ख़ुशबू नहीं।

ख़्वाब हमारे लिए   रूह- ए- ज़िंदगी की तरह है।

Write a comment ...

गुनगुनाती ज़िंदगी 🌹